1. जल कैसे भरूं जमुना गहरी,
जल कैसे भरूं जमुना गहरी,
ठाड़े भरूं राजा राम देखत हैं,
बैठी भरूं भीजे चुनरी.
जल कैसे भरूं जमुना गहरी.
धीरे चलूं घर सास बुरी है,
धमकि चलूं छ्लके गगरी.
जल कैसे भरूं जमुना गहरी.
गोदी में बालक सर पर गागर,
परवत से उतरी गोरी.
जल कैसे भरूं जमुना गहरी.
2. कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा ।२।
गणपति बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥ब्रह्मा विष्णु बाधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
शिव शंकर बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
रामीचन्द्र बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा।
लछिमन बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
लव-कुश बांधनी चीर,हो रघुनन्दन राजा।
श्री कृष्ण बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
बलिभद्र बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा।
नवदुर्गा बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
गोलूदेव बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा।
भोलानाथ बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
सब देव बांधनी हो चीर, हो रघुनन्दन राजा॥
3.
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२
अहा, इस व्योपारी को भूख बहुत है,
पुरिया पकै दे नथ-वाली,
जोगी आयो शहर में व्योपारी।
अहा, इस व्योपारी को प्यास बहुत है,
पनिया-पिला दे नथ वाली,
जोगी आयो शहर में व्योपारी।
अहा, इस व्योपारी को नींद बहुत है,
पलंग बिछाये नथ वाली
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२
अहा, इस व्योपारी को भूख बहुत है,
पुरिया पकै दे नथ-वाली,
जोगी आयो शहर में व्योपारी।
अहा, इस व्योपारी को प्यास बहुत है,
पनिया-पिला दे नथ वाली,
जोगी आयो शहर में व्योपारी।
अहा, इस व्योपारी को नींद बहुत है,
पलंग बिछाये नथ वाली
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२